लेखनी कहानी -06-Jul-2022... सपनों की उड़ान..
जिंदगी......
आखिर ये जिंदगी होतीं क्या हैं...!
आज तक इसका राज़ कोई नहीं जान पाया हैं...।
सच तो ये हैं की... बस जीने का नाम हैं जिंदगी...।
कैसे जीना हैं.... ये हर इंसान का अलग नजरिया होता हैं...। कोई बॉस बनकर जीना चाहता हैं.... दूसरों पर राज करना चाहता हैं तो कोई शांति से अपनी जिंदगी जीना चाहता हैं...।
हर इंसान के जीने का तरीका अलग अलग होता हैं..। कोई सपनों को पूरा करने के लिए जीता हैं तो कोई सिर्फ सपने देखने के लिए जीता हैं...।
ऐसे ही कुछ अलग अलग किरदारों को एक कहानी में पिरोकर...आप सबके सामने प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहीं हूँ...।
लेकिन कुछ भी कहने या लिखने से पहले सिर्फ इतना कहना चाहूंगी... ये सिर्फ एक कहानी हैं.... इसका हर पात्र पूरी तरह से काल्पनिक हैं... । किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं हैं...। इसलिए अपने विवेक से काम ले...।
कहानी की शुरुआत करते हैं.... दस साल की गुड़िया यानि परी से...।
राजस्थान के उदयपुर जिले के छोटे से गाँव रामपुर (काल्पनिक) में रहने वाली... अपने माता पिता की इकलौती संतान गुड़िया...।
पिता रामलाल गाँव के मुखिया के खेतों में मजदूरी करता था और माँ सरला एक गृहणी थीं....। उन दोनों के आंखों का तारा थीं परी...।
लेकिन परी के सपने तो अलग ही उड़ान भर रहें थे....।
आखिर ये सपने परी की जिंदगी में क्या उफान लाते हैं वो सब जानते हैं अगले भाग में...।
Swati chourasia
07-Sep-2022 02:10 PM
अच्छी शुरुआत 👍
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shweta soni
18-Jul-2022 12:24 AM
Nice 👍
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Abhinav ji
17-Jul-2022 09:20 AM
Nice👍
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